DETAILED NOTES ON पारद शिवलिंग फोटो

Detailed Notes on पारद शिवलिंग फोटो

Detailed Notes on पारद शिवलिंग फोटो

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- व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है. शिवलिंग की महत्वपूर्ण बातें क्या हैं और क्या है इसकी स्थापना के नियम ?

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान के बाद किसी बड़े पात्र में नर्मदेश्वर शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।

पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे get more info करें?

लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में शिवलिंग रखने के कुछ नियम हैं? इन नियमों का पालन करने पर ही आपकी पूजा फलित होती है. इस श्रावण माह में यदि आप भी महादेव का पूजन कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो इन नियमों के बारे में जरूर जान लें.

नंतर गायीचे कच्या दुधाने अभिषेक करून पुन्हा गंगाजल ने अभिषेक करावा.

इसके पूर्व इस कवच को गंगाजल या कच्चे दूध की छींटे मारकर इसे शुद्ध करें।

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नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने की विधि:

देवताओ ने भी हनुमानजी को पारद शिवलिंग उपहार में दिया और कहा की शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते है

या व्यक्तींच्या आयुष्यात कधीही कोणत्याही गोष्टीची कमतरता भासत नाही.

Just rub the lemon over the surface area of Parad shivling every single alternate day. It's going to start off shining. Then clear it that has a water and wipe it off with clean fabric. Now it is able to worship or don. There'll be no markings remaining any place inside the shivalingam or if worn in your body.

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